sugam bhugol class 8 chapter 4:सुगम भुगोल कक्षा 8

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sugam bhugol class 8 chapter 4

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sugam bhugol class 8 chapter 4

sugam bhugol class 8 chapter 4:अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. खनिज किसे कहते हैं?

उत्तरः-पृथ्वी की भूपर्पटी या भूगर्भ में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्त्वों तथा यौगिकों र्का खनिज (Mineral) कहते है।

2. अयस्क क्या है?

उत्तर:-भूगर्भ से खदानों द्वारा निकाला जानेवाला प्राकृतिक पदार्थ, जिसमें उपयोगी धात्विक खनिज विद्यमान होते हैं, अयस्क (ore) कहलाता है, जैसे- लौह अयस्क ।

3. ताँबा के तीन अयस्कों के नाम लिखें।

उत्तर:- (i)क्यूप्प्राइट (ii) मालासाइट (iii)कोबालाइट

4. गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का उल्लेख करें।

उत्तर:-गैर परंपरागत स्रोत वे हैं जिसकी पहचान का इतिहास नया है जैसे- परमाणु इंधन, भूताप, पवन, सौर, ज्वार, गोबर गैस, इत्यादि से प्राप्त ऊर्जा

5. बॉक्साइट के दो उपयोग लिखें।

उत्तर:- (i) बारीक पन्नी निर्माण में (ii) वायुयान निर्माण में

6. मैंगनीज के तीन उपयोग बताएँ।

उत्तर:- (i) रसायन उद्योग में (ii) बैटरी निर्माण में (iii) माचिस उद्योग में

7. कोयला के प्रमुख प्रकारों के नाम लिखें।

उत्तर:- (i)पीट कोयला (ii) बिटुमिनस कोयला (ii) लिग्नाइट कोयला (iii) एन्थ्रासाइट कोयला

8. भारत के तीन परमाणु ऊर्जा उत्पादन केंद्रों के नाम लिखें।

उत्तर:- (i) रावतभाटा (राजस्थान) (ii) कलपक्कम (तमिलनाडु) (iii) नरोरा (उत्तरप्रदेश)

9. टिहरी जलविद्युत उत्पादन केंद्र किस राज्य में है?

उत्तर:-टीहरी जल विद्युत उत्पादन केंद्र उत्तराखंड राज्य में है।

10. भारत में लौह अयस्क उत्पादन के तीन केंद्रों के नाम लिखें।

उत्तर:- (i)झारखंड (ii) उड़ीसा (iii) छत्तीसगढ़

sugam bhugol class 8 chapter 4:लघु उत्तरीय प्रश्न

 

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. भारत में बॉक्साइट के वितरण एवं उपयोग को स्पष्ट करें।

उत्तर:-भारत में बॉक्साइट बड़े पैमाने पर वितरित है उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु बॉक्साइट के भंडार है। हल्का मजबूत लचकदार एवं चमकदार होने के कारण इसका उपयोग बारीक पन्नी से लेकर वायुयान निर्माण तक में किया जाता है।

2. ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के लिए पाँच सुझाव दें।

उत्तर:-ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण के लिए पांच सुझाव इस प्रकार है-
(i) ऊर्जा के परंपरागत स्रोतों का मितव्ययिता से उपयोग करना
(ii) ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों का उपयोग बढ़ाना
(iii) बिना जरूरत के विद्युत का उपयोग नहीं करना
(iv) परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के नए भंडारों की खोज करना
(v) कम वोल्टेज लाइट का प्रयोग करना

3. देश में भूतापीय ऊर्जा उत्पादन की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर:-जमीन के अंदर जमा ताप को भूतापीय उर्जा कहा जाता है। इस ऊर्जा को विशेष तकनीक द्वारा पृथ्वी के ऊपर लाकर विद्युत उत्पादन की जाती है। देश में लद्दाख की पूगा घाटी, हिमाचल प्रदेश का मणिकरण एवं भू मध्य प्रदेश का तातापानी आदि भूतापीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत है। पूगा भू-तापीय क्षेत्र का महत्व सबसे अधिक है

4. ऊर्जा के परंपरागत एवं गैर-परंपरागत स्रोतों को उदाहरणसहित लिखें।

उत्तर:-ऊर्जा के वैसे स्रोत जिसे लंबे समय से उपयोग में लाए जा रहे हैं ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कहलाते हैं जैसे- लकड़ी कोयला पेट्रोलियम जलविद्युत इत्यादि ऊर्जा के वैसे स्रोत जो हाल ही में प्रयोग में आए हैं। इन स्रोतों का उपयोग करने का उपाय तथा तकनीक पहले नहीं थे। जैसे- परमाणु ईंधन, भूताप, पवन, सौर, ज्वार, गोबर गैस, इत्यादि से प्राप्त ऊर्जा

5. खनिजों का संरक्षण जरूरी है। क्यों?

उत्तर:-खनिज अनवीकरणीय एवं क्षयशील संसाधन है। इनके निर्माण में लाखों वर्ष लग जाते हैं। यदि हम इनका शीघ्रता से उपयोग करेंगे तो इनके भंडार शीघ्र ही समाप्त हो जाएंगे इससे हमारा आर्थिक विकास संकट में पड़ जाएगा इसलिए खनिजों का संरक्षण जरूरी है।

6. भारत में अभ्रक उत्पादन का विवरण दें।

उत्तर:-यह एक पारदर्शी, चमकदार, लचकदार एवं परतदार अधात्विक खनिज है। भारत में अभ्रक का लगभग 3,93,855 टन का विशाल भंडार है। वर्ष 1958 में इसका उत्पादन 32 हजार टन, वर्ष 1991 मे 14 हजार टन एवं वर्ष 2002-03 में 12 हजार टन था। झारखंड, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में यह मुख्यतः पाया जाता है।

7. भारत में कोयला उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों का वर्णन करें।

उत्तर:-भारत में कोयला गोंडवाना एवं टर्शियरीकालीन चट्टानों में पाया जाता है। देश का 98% कोयला गोंडवानाकाल का है जो भ्रंश नदी घाटियों में सुरक्षित है। भारत में कोयला झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में पाया जाता है।

sugam bhugol class 8 chapter 4:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. देश में लौह अयस्क के उत्पादन एवं वितरण का विवरण दें।

उत्तर:-लौह अयस्क भारत का सबसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधन है। भारत का लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथा स्थान है। भारत में लौह अयस्क का संचित भंडार लगभग 420 अरब मेट्रिक टन है। वर्ष 1951 में लौह अयस्क का उत्पादन 30 लाख टन था जो वर्ष 2009-10 में 2,265 लाख टन हो गया। झारखंड, ओडिशा (उड़ीसा), छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में लौह अयस्क के भंडार हैं।

2. देश में कोयला के उत्पादन एवं वितरण का वर्णन करें।

उत्तर:-भारत में कोयला प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बढ़िया कोयले के कुल सुरक्षित भंडार के हिसाब से भारत का संसार में अमेरिका के बाद दूसरा स्थान है। भारत में कोयले का वितरण समान नहीं है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तेलांगाना और आन्ध्रप्रदेश भारत में कोयला उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य हैं। इन सभी राज्यों में गोंडवाना युगीन कोयला पाया जाता है जिसकी आयु लगभग 20 करोड़ साल है। गोंडवाना क्षेत्र से भारत का 98% कोयला उत्पादन होता है। 1951 में कोयला का उत्पादन 3.5 करोड़ टन से बढ़कर 2009-10 में 54.9 करोड़ टन हो गया।

3. भारत में पेट्रोलियम के उत्पादन एवं वितरण का विवेचन करें।

उत्तर:-भारत में पेट्रोलियम का पता 1880 में डिगबोई (असम) में चला आज देश में इसके तीन मुख्य उत्पादक क्षेत्र असम गुजरात एवं मुंबई हाई क्षेत्र हैं। असम में नहरकटिया, मोरन हगरीजन, लखीमपुर, गुजरात में अंकलेश्वर, कलोल, बलोल मेहसाना, लुनेज, वादसेर इत्यादि प्रमुख तेल उत्पादक केंद्र है। मुंबई हाई तेल क्षेत्र मुंबई से पश्चिम अरब सागर में स्थित है। इसके अतिरिक्त कृष्णा-गोदावरी, कोच्चि के निकट कावेरी बेसिन, बाड़मेर (राजस्थान) के मंगला क्षेत्र में भी तेल मिला है। भारत के कुल पेट्रोलियम उत्पाद का 63% मुंबई हाई से. 18% गुजरात से तथा 16% असम से प्राप्त होता है, बिहार में एकमात्र तेलशोधनशाला बरौनी में है।

4. भारत में मैंगनीज के उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन करें।

उत्तर:-मैगनीज एक लौह-पूरक धातु है। इसका उपयोग लौह धातु को पूर्णता देने में होता है। इसके अतिरिक्त रसायन उद्योग, बैटरी निर्माण, माचिस उद्योग आदि में भी इसका व्यवहार होता है। भारत में विश्व के कुल मैंगनीज का 20% भंडार है। यह ओडिशा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और गोवा में पाया जाता है। मैंगनीज के अयस्क हैं- पाइरोलुसाइट, मैंगेनाइट, साइलोमिलेन और ब्राउनाइट मैंगनीज उत्पादक देशों में भारत का विश्व में अग्रणी स्थान है।

5. विश्व में ताँबा उत्पादन का विवरण दें।

उत्तर:-ताँबा एक अलौह धातुवाला खनिज है। विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत उपकरणों, वायुयान, घड़ी, पंखा आदि में इसका उपयोग होता है। विश्व में चिली का चुकीकामाटा, अमेरिका का बुट्टा क्षेत्र, कनाडा का सडबरी, जांबिया का मुफिल आरा, जायरे का कटांगा क्षेत्र में मुख्यतः पाया जाता है। ताँबा के प्रमुख अयस्क हैं- क्यूप्राइट मालासाइट, कैल्कोपाइराइट, एजुराइट, कोबालाइट, बोर्नाइट और क्राइसोकोला।

6. देश में अभ्रक के वितरण का उल्लेख करें।

उत्तर:-यह एक पारदर्शी, चमकदार, लचकदार एवं परतदार अधात्विक खनिज है। अभ्रक मुख्य रूप से आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों में पाया जाता है। इसके प्रमुख प्रकार हैं- मस्कोवाइट, बायोटाइट और फ्लोगोपाइट। भारत में अभ्रक मुख्यतः झारखंड, आंध्र प्रदेश, राजस्थान से प्राप्त किया जाता है। इसके अलावा तमिलनाडु प० बंगाल तथा मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु व महाराष्ट्र में भी अभ्रक पाया जाता है। झारखंड के निचले हजारीबाग पठार व आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले में सर्वोत्तम प्रकार के अभ्रक का उत्पादन होता है।

7. ऊर्जा संसाधन पर अपने विचार प्रस्तुत करें।

उत्तर:-ऊर्जा प्रदान करनेवाले संसाधनों को ऊर्जा संसाधन कहा जाता है। यह ऊर्जा विद्युत के रूप में सामान्यतः प्राप्त होती है जिसे शक्ति कहा जाता है। ऊर्जा संसाधनों का विकास औद्योगिक विकास का सूचक होती है। हमारे देश में व्यापारिक स्तर पर प्रयोग किए जाने वाले तीन प्रमुख ऊर्जा संसाधन हैं- कोयला, खनिज तेल अथवा पेट्रोलियम एवं जलविद्युत । इसके अतिरिक्त प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, पवन चक्की, ज्वारीय ऊर्जा, सौर ऊर्जा, भूगर्भिक ऊर्जा आदि भी कुछ योगदान करते हैं। इन्हें मुख्यतः दो वर्गों में रखा जाता है- परंपरागत स्रोत और गैर-परंपरागत स्रोत ।

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