sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer

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sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer

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sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer

sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer:अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. उद्योग को परिभाषित करें।

उत्तरः-कच्चे माल से वस्तुओं के उत्पादन, अयस्कों से खनिजों के निष्कर्षण एवं सेवाओं की व्यवस्था को उद्योग कहा जाता है।

2. वन-आधारित तीन उद्योगों के नाम लिखें।

उत्तर:- (i) कागज उद्योग (ii) फर्नीचर उद्योग (iii) भवन निर्माण उद्योग

3. एक औद्योगिक संकुल का नाम लिखें।

उत्तर:-जमशेदपुर औद्योगिक संकुल

4. छोटे उद्योग के तीन उदाहरण दें।

उत्तर:- (i) मिट्टी के बर्तन बनाना (ii) टोकरी बनाना (iii) सूप बनाना

5. आधारभूत उद्योग किसे कहा जाता है?

उत्तर:-जो उद्योग दूसरे उद्योगों के आधार होते हैं उन्हें आधारभूत उद्योग कहा जाता है, जैसे-लोहा उद्योग एवं गंधक अम्ल जैसे रसायन उद्योग इत्यादि

6. स्वच्छंद उद्योग क्या है?

उत्तर:-स्वच्छंद (फुटलूज) उद्योग वे उद्योग हैं जो स्थानीय विशिष्ट कच्चे माल और कच्चे माल जिनकी भार में कमी हो रही है या नहीं पर निर्भर नहीं होता हैं,
Note:-फुटलूज़ उद्योगों के कुछ उदाहरण हीरा प्रसंस्करण उद्योग, दवा उद्योग, आईटी उद्योग, हैंडसेट असेंबली उद्योग आदि हैं।

7. औद्योगिक तंत्र किसे कहा जाता है?

उत्तर:-किसी उद्योग में कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर तैयार माल को निर्गत करने तक की संपूर्ण प्रक्रिया औद्योगिक तंत्र कहलता है।

8. औद्योगिक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः-औद्योगिक क्षेत्र या प्रदेश एक भौगोलिक क्षेत्र होता है जहाँ विविध प्रकार के उद्योग एक-दूसरे के निकट स्थित होते हैं

9. ज्ञान-आधारित उद्योग क्या है?

उत्तर:-ऐसे उद्योग जिन्हें उत्पादन के लिए विशिष्ट नए ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी और निरन्तर शोध और अनुसन्धान की आवश्यकता रहती है, ‘ज्ञान आधारित उद्योग’ कहलाते हैं।

10. दवा उद्योग किस प्रकार का उद्योग है?

उत्तर:-दवा उद्योग एक उपभोक्ता उद्योग है

11. बोकारो लौह-इस्पात कारखाना किस देश के सहयोग से लगाया गया था?

उत्तर:-बोकारो लौह-इस्पात कारखाना सोवियत संघ की सहायता से लगाया गया था

12. ई-मेल से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:-ई-मेल, संदेशों को कंप्यूटर के जरिए (बेतार) शीघ्रता से भेजने की प्रणाली है।

sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer:लघु उत्तरीय प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. औद्योगिक संकुल एवं औद्योगिक क्षेत्र के बीच अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर:-औद्योगिक संकुल एक नियोजित क्षेत्र होता है जहां एक आधारभूत उद्योग पर कई अन्य उद्योग विकसित होते हैं। मतलब इसमें संबंधित उद्योग शामिल होते हैं। जबकि औद्योगिक क्षेत्र वाह भौगोलिक क्षेत्र होता है जहां विविध प्रकार के उद्योग एक दूसरे के निकट स्थित होते हैं। यह अक्सर कुछ प्राकृतिक संसाधनों कोयला, या लौह अयस्क या पानी की आपूर्ति के आसपास विकसित होता है

2. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण प्रस्तुत करें।

उत्तर:-स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के चार वर्ग किए जाते हैं-
(i) निजी क्षेत्र-इन उद्योगों का स्वामित्व व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास होता हैं। जैसे- टाटा, जिंदल, बिड़ला
(ii) सार्वजनिक क्षेत्र-इन उद्योगों का स्वामित्व सरकार के पास होता है, जैसे कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
(iii) संयुक्त क्षेत्र- निजी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह तथा सरकार की साझेदारी में उद्योग का संचालन संयुक्त क्षेत्र के उद्योग कहलाते हैं,मारुति उद्योग लिमिटेड संयुक्त क्षेत्र के उद्योग का एक उदाहरण है।
(iv) सहकारी क्षेत्र-इन उद्योगों का स्वामित्व कच्चे माल उत्पादकों एवं कामगारों अथवा दोनों के हाथों में होता है, आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड और सुधा डेयरी सहकारी क्षेत्र के उद्योग का एक उदाहरण है।

3. उद्योगों की आवश्यकता है। क्यों?

उत्तर:-क्योंकि उद्योग से लोगों को रोजगार मिलता है। इसके द्वारा कम समय तथा अधिक संख्या/मात्रा में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं का उत्पादन होता है। इनके निर्यात से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है जो राष्ट्र के विकास में सहायक होती है। उद्योगों के लिए वस्तुओं के आयात-निर्यात किए जाने से दूसरे देशों के साथ हमारे संबंध अच्छे और मजबूत होते हैं। यही नहीं, उद्योगों की स्थापना से शहरों का विकास भी होता है।

4. भारत के लौह-इस्पात उद्योग का विवरण दें।

उत्तर:-भारत में लौह इस्पात कारखाना लगाने का पहला प्रयास 1830 में तमिलनाडु के पोर्टोनोवो नामक स्थान पर किया गया था जो असफल रहा। इसके बाद पहला सफल कर खाना 874 में बराकर नदी घाटी के कुल्टी में लगाया गया। बाद में फंड के भाव में या कंपनी बंद हो गई और बंगाल सरकार ने इसका अधिकरण कर लिया। बड़े पैमाने पर देश का पहला कारखाना 1907 ई० में जमशेदजी टाटा द्वारा बिहार के साकची नामक स्थान पर स्थापित किया गया। देश में लौह एवं इस्पात के 10 बृहद तथा 200 से अधिक लघु कारखाना हैं।

5. भारत के सूती वस्त्र उद्योग के विकास की विवेचना करें।

उत्तर:-भारत में सूती वस्त्र उद्योग का पहला कारखाना 1818 में कोलकाता के निकट फोर्ट ग्लास्टर में लगाया गया था। 1821 में यह बंद हो गया। फिर 1854 में वर्तमान मुंबई में इस उद्योग का कारखाना लगाया गया। 1850 से 1900 के मध्य इस उद्योग का विकास पारसियों की पूंजी से हुआ बाद में उत्पादक, राजघरानों, जल विद्युत की उपलब्धता जैसे क्षेत्रों के निकट स्थापित किया गया।

6. लघु एवं बृहत् उद्योग को उदाहरणसहित स्पष्ट करें।

उत्तरः-लघु उद्योगः- लघु उद्योग वे उद्योग हैं जिसमें लगभग एक करोड रुपए से कम की पूंजी लगी होती है उदाहरण- चावल मिल, साइकिल, रेडियो इत्यादि वृहत उद्योग:- वृहत उद्योग वे उधोग हैं जिसमें एक करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी का निवेश होता है। इसमें मजदूर अधिक तथा उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है उदाहरण-लौह इस्पात, मोटर कार निर्माण, सूती वस्त्र उद्योग इत्यादि

7. प्राकृतिक एवं मानवकृत रेशों के नाम लिखें।

उत्तरः-प्राकृतिक रेशा कपास, जूट, लिनेन, सिल्क कृत्रिम रेशा-पॉलिएस्टर, रेयॉन, नायलॉन, ऐक्रेलिक

8. कच्चे माल के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें।

उत्तरः-कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
(i) कृषि आधारित उद्योग; जैसे-सूती वस्त्र उद्योग
(ii) खनिज आधारित उद्योग; जैसे-लोहा एवं इस्पात उद्योग।
(iii) वन आधारित उद्योग; जैसे-कागज उद्योग।
(iv) समुद्र-आधारित उद्योग- जैसे- मत्स्य तेल निर्माण, मछली डिब्बाबंदी, खनिज तेल, समुद्री लहरों से ऊर्जा-प्राप्ति

9. इस्पात निर्माण की प्रक्रिया को स्पष्ट करें।

उत्तर:-लौह अयस्क से इस्पात निर्माण के लिए सबसे पहले कच्चे माल (लौह अयस्क + कोक + चुना-पत्थर) को भट्टी में डाला जाता है। प्रगलन की प्रक्रिया के दौरान अशुद्ध पदार्थ अलग हो जाता है तथा शुद्ध पदार्थों की गाँठ बनती है जो ढलवाँ लोहा (pig-iron) कहलाता है। फिर, इसमें मैंगनीज, कार्बन आदि मिलाकर इस्पात बनाया जाता हैं।

sugam bhugol class 8 chapter 6 question answer:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. जमशेदपुर औद्योगिक संकुल का भौगोलिक विवरण दें।

उत्तरः-सुवर्णरखा और खरकई नदियों के संगम पर टाटानगर रेलवे स्टेशन से उत्तर जमशेदपुर शहर (झारखंड राज्य में) अवस्थित है। इस औद्योगिक संकुल क्षेत्र के लिए गुरुमहिसानी, बदाम पहाड़ एवं नोआमुंडी से लौह अयस्क झरिया से कोयला, सिंहभूम से मैंगनीज और ओडिशा के वीरमित्रपुर से चूना पत्थर एवं डोलोमाइट प्राप्त होता है। आरंभ में कोयला (तापीय ऊर्जा) और वर्तमान में सुवर्णरखा परियोजना से जलविद्युत की सुविधा इसे उपलब्ध है। सुवर्णरखा और खरकई नदियों का जल एवं जनजातीय क्षेत्र होने के कारण सस्ते श्रमिक मिलने की यहाँ सुविधा है। कोलकाता-नागपुर-मुंबई रेलमार्ग, कोलकाता-गया राजमार्ग एवं कोलकाता बंदरगाह की सुविधा के कारण इसके उत्पादों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार भी उपलब्ध हैं।

2. बेंगलूरु में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास का सकारण वर्णन करें।

उत्तर:-बेंगलूरु कर्नाटक की राजधानी है। दक्कन पठार पर अवस्थित इस शहर का जलवायु सालोभर मृदु रहता है। इसकी तुलना कैलिफोर्निया स्थित (अमेरिका में) सिलिकॅन घाटी से की जाती है। बेंगलूरु शहर में ज्ञान आधारित उद्योग के विकास की सारी सुविधाएँ मौजूद हैं। इस राज्य में सबसे अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जिनसे प्रशिक्षित लोग मिल जाते हैं। यहाँ शोध करनेवाले कई उच्च स्तरीय संस्थान, जैसे- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड आदि कार्यरत हैं। इस शहर के अनुकूल जलवायु ने भी विदेशी कंपनियों को यहाँ आने के लिए आकर्षित किया है। कर्नाटक की सरकार ने भी सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। फलस्वरूप, यहाँ इंफोसिस और विप्रो जैसी कई कंपनियाँ कार्यरत हैं।

3. अहमदाबाद में सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है। क्यों?

उत्तर:-यहाँ सूती वस्त्र उद्योग का पहला कारखाना 1859 में खुला था। यहाँ इस उद्योग के विकास के लिए सभी भौगोलिक सुविधाएँ उपलब्ध है। कच्चा माल (कपास) यहाँ आसानी से उपलब्ध है। निकटवर्ती समुद्र के कारण कताई और बुनाई के लिए आदर्श जलवायवी दशाएँ उपलब्ध हैं। कुशल और अकुशल, दोनों तरह के श्रमिक निकटवर्ती राज्यों से मिल जाते हैं। सड़क एवं रेलमार्ग की सुविधा के कारण बाजारों तक उत्पाद पहुँचाना आसान है। साथ ही, मुंबई एवं कांडला पत्तनों की सुविधा भी इसे प्राप्त है। पश्चिमी घाट की जलविद्युत परियोजनाओं से यहाँ ऊर्जा मिल जाती है। इन सभी सुविधा के कारण अहमदाबाद में सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है।

4. उद्योगों का वर्गीकरण प्रस्तुत करें।

उत्तरः-कच्चा माल, कच्चा तथा तैयार माल की मात्रा एवं भार, पूँजी निवेश, स्वामित्व और प्रमुख भूमिका के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण किया जाता है। कच्चे माल के आधार पर उद्योगों के प्रमुख वर्ग हैं-
(i) कृषि आधारित उद्योग : जिस उद्योग में कच्चा माल पादपों या जंतुओं से आता है उसे कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। उदाहरण: सूती कपड़ा, कागज, खाद्य तेल, चमड़ा, आदि।
(ii) खनिज आधारित उद्योगः जिस उद्योग के लिए कच्चा माल खनिजों से आता है उसे खनिज आधारित उद्योग कहते हैं। खनिज आधारित उद्योगों का उत्पाद अन्य उद्योगों का पोषण करता है। उदाहरण: लौह-इस्पात, पेट्रोकेमिकल, आदि ।
(iii) वन आधारित उद्योग : जिस उद्योग के लिए कच्चा माल वन से मिलता है उसे वन आधारित उद्योग कहते हैं। उदाहरण: कागज, फर्नीचर, औषधि, माचिस, आदि।
(iv) समुद्र आधारित उद्योग : जिस उद्योग के लिए समुद्र या सागर से कच्चा माल आता है उसे समुद्र आधारित उद्योग कहते हैं। उदाहरण: समुद्री खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य तेल, आदि ।
कच्चा तथा तैयार माल की मात्रा एवं भार के आधार पर उद्योगों के दो वर्ग किए जाते हैं-
(i) हलका उद्योग- ऐसे उद्योगों का कच्चा एवं तैयार माल हलका होता है, जैसे-बल्ब, घड़ी, पेन-पेंसिल उद्योग इत्यादि।
(ii) भारी उद्योग- इन उद्योगों का कच्चा एवं तैयार माल दोनों भारी होता है, जैसे- लौह-इस्पात, सीमेंट उद्योग इत्यादि। पूँजी निवेश के आधार पर उद्योगों के तीन प्रमुख वर्ग हैं-
(i) कुटीर उद्योग : जिस उद्योग में वस्तुओं का उत्पादन हाथों से शिल्पकारों द्वारा होता है उसे कुटीर उद्योग कहते हैं। टोकरी बुनाई, मिट्टी के बरतन, हस्तशिल्प, आदि कुटीर उद्योग के उदाहरण हैं।
(ii) लघु उद्योगः जिस उद्योग में पूँजी निवेश और उत्पादन कम होता है उसे लघु उद्योग कहते हैं।
(iii) वृहत उद्योगः जिस उद्योग में पूँजी निवेश बहुत अधिक होती है और उत्पादन भी अधिक होता है उसे वृहत उद्योग कहते हैं।
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों के चार वर्ग किए जाते हैं-
(i) निजी सेक्टरः निजी सेक्टर के उद्योग का स्वामित्व व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के पास होता है। उदाहरण: टाटा, रिलायंस, आदि।
(ii) सार्वजनिक सेक्टर: जिस उद्योग का स्वामित्व सरकार या सरकारी एजेंसी के पास होता है उसे सार्वजनिक या पब्लिक सेक्टर कहते हैं। उदाहरण: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, आदि।
(iii) ज्वाइंट सेक्टर: इन उद्योगों का स्वामित्व सरकार और निजी मालिकों द्वारा साझा किया जाता है। उदाहरण: मारुति, दिल्ली मेट्रो, आदि ।
(iv) सहकारी सेक्टर: इस सेक्टर में श्रमिक और उत्पादक आपस में मिलजुलकर पूँजी निवेश करते हैं और मुनाफे में बराबर की भागीदारी पाते हैं। उदाहरण: अमूल, लिज्जत, सुधा डेरी, आदि ।
प्रमुख भूमिका के आधार पर उद्योग दो प्रकार के होते हैं-
(ii) आधारभूत उद्योगः-जिनके उत्पादों या कच्चे माल पर दूसरे उद्योग निर्भर हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे- लोहा इस्पात, ताँबा गाना, खनिज गलाना, एल्युमिनियम गलाना, वस्त्र उद्योग आदि ।
(ii) उपभोक्ता उद्योग : वैसा उद्योग जिसमें उत्पादन उपभोक्ताओं को सीधे उपयोग या उपभोग हेतु किया जाता है। जैसे- दवा उद्योग, बर्तन उद्योग, टूथपेस्ट, मंजन, शृंगार, प्रसाधन उद्योग, कागज उद्योग, रेडिमेड वस्त्र उद्योग आदि ।

5. सूचना प्रौद्योगिकी से जीवन में आए बदलावों का वर्णन करें।

उत्तरः-सूचनाओं और संदेशों के आदान-प्रदान की तकनीक सूचना तकनीक/प्रौद्योगिकी कहलाती है तथा इससे संबंधित उद्योग सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग कहा जाता है। इस उद्योग से संचार, चिकित्सा, सेवा, सुरक्षा आदि के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। संचार की दुनिया में सैटेलाइट, फोन, इंटरनेट की सुविधा और मोबाइल फोन ने पूरे विश्व को गाँव का रूप दे दिया है। विकास के इस दौर में किसी भी तरह की एक जानकारी का कहीं से भी आदान-प्रदान किया जा सकता है। चिकित्सा के क्षेत्र में दूर बैठा चिकित्सक (राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय) कहीं से भी रोगी का इलाज निर्देश देकर कर सकता है।

6. भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों का विवरण दें।

उत्तर:-भारत में 8 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र / प्रदेश हैं-
i. मुंबई-पुणे क्षेत्र ii. हुगली क्षेत्र iii. बेंगलूरु-तमिलनाडु क्षेत्र iv. अहमदाबाद- वडोदरा क्षेत्र v. छोटानागपुर क्षेत्र vi. विशाखापत्तनम गुंटूर क्षेत्र vii. गुड़गाँव- दिल्ली-मेरठ क्षेत्र और viii. कोल्लम-तिरुवनंतपुरम क्षेत्र । विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेश पूर्वोत्तर अमेरिका, पश्चिमी और मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप तथा पूर्वी एशिया में हैं।

7. वस्त्र उद्योग के स्थानीकरण में सहायक कारकों का विस्तारपूर्वक वर्णन करें।

उत्तरः-कपास को ओटने एवं धुनने की औद्योगिक इकाइयाँ प्रधानतः कपास उत्पादक क्षेत्रों के निकट ही स्थापित होती हैं, क्योंकि कपास में बिनौलों का वजन कपास के वजन का लगभग 60 प्रतिशत तक रहता है। यही कारण है कि कपास को लम्बी दूरी पर स्थित सूर्ती वस्त्र उद्योगों तक ले जाना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद नहीं रहता उद्योग (कताई एवं बुनाई इकाइयाँ) में प्रयुक्त कच्चा माल रुई (ओटी एवं धुनी हुई कपास) पूर्णतया शुद्ध ऐसा पदार्थ है, जिसका सूती वस्त्र निर्माण प्रक्रिया वजन कम नहीं होता है। लगभग एक टन रुई से एक टन सूती धागा तथा एक टन सूती धागे से एक टन सूती वस्त्र तैयार हो जाता है। अतः सूती वस्त्र उद्योग (कताई एवं बुनाई इकाइयों) के स्थानीयकरण में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता तथा बाजार की निकटता का कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि विश्व में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना काफी विकेन्द्रित रूप में देखने को मिलती है। वर्तमान में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता तथा बाजार की निकटता के अतिरिक्त स्थानीयकरण के अन्य कारकों का प्रभाव अधिक महत्त्वपूर्ण है। इनमें सस्ते श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता, नम व आर्द्र जलवायु शक्ति संसाधनों की उपलब्धता, पर्याप्त जल की सुलभता (रँगाई एवं धुलाई हेतु), परिवहन के सुगम साधन एवं सस्ती व विस्तृत भूमि जैसे कारक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

8. बोकारो औद्योगिक संकुल का विवरण दें।

उत्तर:-इस इस्पात संकुल के पहले फर्नेस /भट्ठी ने 2 अक्टूबर 1972 से काम करना शुरू किया। वर्तमान में यह देश का सबसे बड़ा (सार्वजनिक क्षेत्र) लौह-इस्पात कारखाना है। यहाँ गरम घुमावदार तारें (hot rolled coils), गरम घुमावदार चहरें, टिन प्लेट, कोल्ड रोल्ड सीट्स इत्यादि बनाए जाते हैं। बोकारो लोहा एवं इस्पात उद्योग आधुनिक इंजीनियरिंग उद्योगों (ऑटोमोबाइल, पाइप एवं ट्यूब, एल०पी०जी० सिलिंडर, बैरल एवं ड्रम उत्पादन) के लिए कच्चे माल का उत्पादन कर रहा है। बोकारो लोहा-इस्पात कारखाने का एकमात्र उद्देश्य देश में विश्वस्तरीय इस्पात का निर्माण करना है। बोकारो स्टील प्लांट को लौह अयस्क (किरीबुरू ओडिशा), कोयला (झरिया), चूना-पत्थर (वीरमित्रपुर-ओडिशा) डोलोमाइट और मैंगनीज (बदाम पहाड़, गुरुमहिसानी) सभी खनिजें स्थानीय स्तर पर लगभग 350 किलोमीटर की परिधि के अंदर उपलब्ध हैं।

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