sugam vigyan class 8 chapter 16 question answer
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sugam vigyan class 8 chapter 16 question answer:अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. किन्ही तीन प्रदीप्त और तीन अप्रदीप्त वस्तुओं के नाम लिखें।
उत्तर:- प्रदीप्त वस्तुः-सूर्य, बिजली का जलता बल्ब, जलती मोमबत्ती अप्रदीप्त वस्तुः-टेबल, कुर्सी, पुस्तक
2. प्रकाश के मानव-निर्मित किन्हीं चार स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर :- i) बिजली का जलता बल्ब ii) मोमबत्ती iii) लालटेन iv) टार्च
3.हम दिन में उन वस्तुओं को कैसे देख पाते है जिनपर सूर्य के प्रकाश सीधे नहीं पड़ता ?
उत्तरः-प्रकाश के प्रकीर्णन द्वारा दिन में उन वस्तुओं को देख पाते हैं जिन पर सूर्य के प्रकाश सीधे नहीं पड़ता
4. किरणपुंज कितने प्रकार के होते हैं? उनके नाम लिखे।
उत्तर:-किरण पुंज तीन प्रकार के होते हैं- i) अपसारी किरणपुंज ii ) अभिसारी किरणपुंज iii) समांतर किरणपुंज
5. समतल दर्पण पर लंबवत पड़नेवाली किरण किस प्रकार परावर्तित होती है?
उत्तरः-समतल दर्पण पर लंबवत पढ़ने वाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद उसी पथ पर वापस लौट जाती है।
6. समतल दर्पण पर पड़नेवाली ही प्रकाश किरण की कितनी परावर्तित किरणों हो सकती है?
उत्तरः-समतल दर्पण पर पड़ने वाली किसी एक आपतित (प्रकाश) किरण के लिए एक परावर्तित किरण हो सकती है।
7. यदि दो समांतर समतल दर्पण एक-दूसरे से 50 cm के अंतराल पर रखे गए हों, तो इनके बीच रखे एक मोमबत्ती के कितने प्रतिबिं बनेंगे?
उत्तरः- अनंता
8.तीन अप्रकाशिक चाक्षुष साधनों के नाम लिखें।
उत्तर:-i) स्पर्श साधन, ii) श्रवण साधन iii) इलेक्ट्रॉनिक साधन आते हैं।
9. तीन प्रकाशिक चाक्षुष साधनों के नाम लिखें।
उत्तर:-i) लेंस ii) आवर्धक iii) दूरबीनी साधन
sugam vigyan class 8 chapter 16 question answer:लघु उत्तरीय प्रश्न
5. समतल दर्पण द्वारा वने प्रतिबिंब बनने की क्रिया को किरण आरेख खींचकर समझाएँ।
6. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंव की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तरः-समतल दर्पण के द्वारा बने प्रतिबिंब की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं-
(i) यह सीधा तथा आभासी होता है।
(ii) यह वस्तु के आकार के बराबर होता है।
(iii) यह दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु दर्पण के सामने होती है।
(iv) यह पार्श्व परिवर्तित होता है।
7. यदि आप एक अंधेरे कमरे में हैं तो क्या आप कमरे में वस्तुओं को देख सकते हैं? क्या आप कमरे के बाहर वस्तुओं को देख सकते हैं। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:-यदि हम अंधेरे कमरे में है तो हम कमरे में वस्तुओं को नहीं देख सकते, क्योंकि हम वस्तुओं को उनके परावर्तित प्रकाश की वजह से ही देख पाते हैं जोकि अंधेरे कमरे में नहीं होगा। हम कमरे के बाहर की वस्तुओं को भी केवल तभी देख सकते हैं जब वहाँ पर रोशनी हो ताकि परावर्तित प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँच सके।
8. नियमित तथा विसिरित परावर्तन में अंतर बताइए। क्या विसरित परावर्तन का अर्थ है कि परावर्तन के नियम विफल हो गए हैं?
उत्तर:-
नियमित परावर्तन
i)चिकनीतह से होने वाले परावर्तन को नियमित परावर्तन कहते हैं।
ii)सभी परिवर्तित किरण एक दूसरे के समानांतर होती
iii)परावर्तन किरण एक दिशा में होती हैं।
विसरित परावर्तन
i)विषम सतह से होने वाले परावर्तन को विसरित परावर्तन कहते हैं।
ii)सभी परिवर्तित किरण एक दूसरे के समानांतर नहीं होती
iii)परावर्तन किरण एक दिशा में नहीं होती हैं।
विसरित परावर्तन का अर्थ परावर्तन के नियम का विफल होना नहीं है। खुरदुरे सतह की अनियमितताओं के कारण प्रकाश परावर्तन के नियमों का पालन करते हुए विभिन्न दिशाओं में विसरित होता है।
9. निम्नांकित में प्रत्येक के स्थान के सामने लिखिए, यदि प्रकाश की एक समांतर किरणपुंज इनसे टकराए तो नियमित परावर्तन होगा या विसरित परावर्तन होगा? प्रत्येक स्थिति में अपने उत्तर का औचित्य बताइए ।
उत्तर:-
(क) पॉलिशयुक्त लकड़ी की मेज:- पॉलिश की गई लकड़ी की मेज में नियमित परावर्तन होगा क्योंकि पॉलिश करने पर उसका पृष्ठ चिकना हो जाता है।
(ख) चॉक पाउडर तक वाहत की सतह बिकनी नहीं होती है neolution इसलिए विसरित परावर्तन
(ग) गत्ते का पृष्ठः गत्ते की सतह पर अनियमितता होती है, इसलिए विसरित परावर्तन होगा।
(घ) संगमरमर के फर्श पर फैला जल:-अगर पानी स्थिर है तो नियमित परावर्तन होगा। लेकिन, यदि पानी अस्थिर है तो तरंगों का निर्माण होगा और विसरित परावर्तन होगा है।
(ङ) दर्पण:-चिकनी सतह के कारण नियमित परावर्तन होगा।
(च) कागज का टुकड़ा:-कागज के टुकड़े की सतह अनियमित होती है। इसलिए विसरित परावर्तन होगा
10. चित्र 16.25 में दर्शाए अनुसार एक लड़का एक समतल दर्पण के ठीक सामने पार्श्व से कुछ हटकर एक किनारे पर इस तरह खड़ा है कि उसकी आँख A पर (a) क्या वह स्वयं को दर्पण में देख सकता है? (b) क्या वह P, Q तथा R पर स्थिति वस्तुओं का प्रतिबिंब भी देख सकता है?
उत्तर:-जैसा कि चित्र 16.25 से स्पष्ट है कि (a) वह लड़का अपना प्रतिबिंब A’ देख सकता है। (b) वह लड़का P. Q और R का प्रतिबिंब भी देख सकता है।
11.(a) A पर स्थित किसी वस्तु के समतल दर्पण में बननेवाले प्रतिबिंब की स्थिति ज्ञात कीजिए। (b) क्या स्थिति B से एक लड़की प्रतिबिंब को देख सकती है? (c) क्या वह स्थिति से इस प्रतिबिंब को देख सकती है? (d) जब वह लड़की B से C पर चली जाती है तो A का प्रतिबिंब किस ओर खिसक जाता है?
उत्तर:- (a) जितनी दूरी पर रखा है उसके पीछे उतनी ही दूरी पर प्रतिबिंब बनेगा। (b) लड़को स्थिति B से A का प्रतिबिंब A’ देख सकती है। (c) वह स्थिति C से भी A का प्रतिबिंब A’ देख सकती है। (d) लड़की के B से C पर चले जाने से A के प्रतिबिंब A’ की स्थित पर कोई अंतर नहीं पड़ता
12. मानव नेत्र का एक नामांकित रेखाचित्र बनाइए
13. पवन लेजर टॉर्च के द्वारा किसी मित्र के आँखों की पुतली के फैलने सिकुड़ने को देखना चाहता था, परंतु उसके अध्यापक ने उसे ऐसा करने से मना किया। क्या आप अध्यापक की सलाह के आधार की व्याख्या कर सकते हैं?
उत्तर:-लेजर से निकलने वाली किरणे आँख की रेटिना पर पड़ता तो रेटिना की कोशिकाएं जल जाते हैं जिसके कारण आँख हमेशा के लिए खराब हो सकता है अर्थात अध्यापक की सलाह उचित था।
14. यदि हम तीव्र प्रकाश से किसी कम प्रकाश वाले कमरे में जाएँ तो वहाँ वस्तुओं को स्पष्ट देखने में कुछ समय क्यों लगता है ?
उत्तरः-तीव्र प्रकाश में आँख की पुतली (pupil) सिकुड़कर छोटी हो जाती है। कम प्रकाश वाले कमरे की वस्तुओं को देखने के लिए आँख की पुतली का अधिक खुलकर बड़ा होना आवश्यक है। पुतली सिकुड़कर छोटी हो जाने के कुछ समय बाद ही वह फैलकर अधिक खुल पाती है। यही कारण है कि तीव्र प्रकाश से कम प्रकाश वाले कमरे में जाने पर वहाँ रखी वस्तुओं को देखने में कुछ समय लग जाता है
15. एकल आँख की तुलना में जोड़े आँख के लाभ की व्याख्या करें।
उत्तर:-जब हम किसी बिंब (वस्तु) को देखते हैं तो हमारी आँखें बिंब को दो कोणों से देखती हैं। एक आँख बिंब के दाएँ भाग को अधिक देखती है और दूसरी आँख उसी बिंब के बाएँ भाग को अधिक देखती है। इससे दृष्टि क्षेत्र बढ़ जाता है।
16.जब टेबुल पंखे को अति उच्च चाल से नचाया जाता है तो यह ठोस डिस्क जैसा प्रतीत होता है, क्यों?
उत्तर:-ऐसे दृष्टि-निर्बंध (persistence of vision) के कारण होता है। जब नेत्र किसी वस्तु को देखता है तो उसका प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है। वस्तु को आँख के सामने से हटा लेने पर भी लगभग 1/16 सेकंड तक उसके ही संवेदना (sensation) बनी रहती है, क्योंकि रेटिना पर प्रकाश का पड़ना बंद होने पर भी रेटिना लगभग 1/16 सेकंड तक उत्तेजित रहती है। जब टेबुल पंखे को अति उच्च वेग से घुमाया जाता है, तो दृष्टि-निर्बंध के कारण ही वह एक ठोस डिस्क के रूप में दिखता है।
sugam vigyan class 8 chapter 16 question answer:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. यह दर्शाने के लिए कि आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर अभिलंब एक ही तल में होते हैं, एक प्रयोग द्वारा वर्णन कीजिए ।
उत्तर:-एक ड्रॉइंग बोर्ड पर ड्रॉइंग पिनों की सहायता से एक ताव सादा कागज का शीट फैलाकर स्थिर कर देते हैं। शीट मेज के किनारे से थोड़ी बाहर निकली हुई होनी चाहिए। किसी सहारे द्वारा समतल दर्पण को कागज पर लंबवत खड़ा कर देते हैं। एक टॉर्च के काँच पर सेलोटेप की सहायता से गोलाकार मोटा काला कागज लगा देते है जिसमें एक पतली झिरी (slit) बनी हो। अब टॉर्च को इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं कि प्रकाश का किरणपुंज दर्पण पर तिरछा पड़े। हम पाते हैं कि आपतित किरण और परावर्तित किरण कागज की तल पर ही है। अब हम दाहिने ओर के कागज के हिस्से को नीचे की ओर दबाते हैं, तो पाते हैं कि परावर्तित किरण अब कागज तक तल पर नहीं है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि आपतित किरण, आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण तीनों एक ही समतल (कागज के तल) में होते हैं।
2. परिदर्शी का चित्र खींचकर उसकी कार्यविधि को समझाएँ ।
उत्तर:-परिदर्शी में धातु की एक लंबी नली होती है जो दोनों सिरों पर समकोण पर मुड़ी रहती है। दोनों मुड़े सिरों पर दो समतल दर्पण A तथा B एक-दूसरे के समांतर तथा नली के अक्ष से 45° का कोण बनाते हुए लगे रहते हैं। जिस वस्तु को देखना होता है उस ओर नली के ऊपरी सिरे को कर दिया जाता है। वस्तु से आती प्रकाश की किरणें दर्पण A से परिवर्तित होकर नली के अक्ष CD के समांतर चलती हुई दर्पण B पर पड़ती हैं। B से परावर्तित होकर ये किरणें देखनेवाले की आँख पर पड़ती हैं। इस प्रकार ऊपर की वस्तुओं को नीचे बैठा प्रेक्षक आसानी से देख पाता है।
3. बहुमूर्तिदर्शी (कैलाइडोस्कोप) की संरचना का वर्णन कीजिए ।
उत्तरः-कैलाइडोस्कोप बनाने के लिए दर्पण की तीन चौड़ी आयातकर पट्टियाँ ले और इन्हें प्रिज़्म की आकृति के अनुसार जोड़िए। इन्हें गत्ते या मोटे चार्ट पेपर की बनी एक बेलंकार ट्यूब में दृढ़ता से लगाइए। सुनिश्चित कीजिए कि ट्यूब दर्पण कि पट्टियों से थोड़ी लम्बी हो। ट्यूब के एक सिरे को गत्ते कि एक एसी डिस्क से बंद कीजिए जिसमें भीतर का दृश्य देखने के लिए एक छिद्र बना हो। डिस्क को टिकाऊ बनाने के लिए इसके नीचे पारदर्शी प्लास्टिक कि शीट चिपका दीजिए। ट्यूब के दूसरे सिरे पर समतल काँच कि एक वृत्ताकार प्लेट दर्पणों को छूते हुए दृढ़तापूर्वक लगाइए। इस प्लेट पर छोटे – छोटे रंगीन काँच के कुछ टुकड़े (रंगीन चूड़ियों के टुकड़े) रखिए। ट्यूब के इस सिरे को घिसे हुए काँच की प्लेट से बंद कीजिए।
4. वर्णन कीजिए कि आप अपने नेत्रों की देखभाल कैसे करेंगे।
उत्तर:-यह आवश्यक है कि हमें अपने नेत्रों की उचित देखभाल करनी चाहिए। यदि कोई भी समस्या है तो हमें किसी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। नेत्रों की नियमित जांच करवानी चाहिए। यदि परामर्श दिया गया है तो उचित चश्मे का उपयोग करना चाहिए। नेत्रों के लिए कम या बहुत अधिक प्रकाश हानिकारक है। अपर्याप्त प्रकाश से नेत्र खिंचाव तथा सरदर्द हो सकता है। सूर्य या किसी शक्तिशाली लैम्प का अत्यधिक तीव्र प्रकाश, अथवा लेज़र टॉर्च का प्रकाश रेटिना को क्षति पहुँचा सकता है। सूर्य था किसी शक्तिशाली प्रकाश स्रोत को कभी भी सीधा मत देखिए। हमें अपने नेत्रों को कभी रगड़ना नहीं चाहिए। यदि हमारे नेत्रों में कोई धूल का कण जाए तो नेत्रों को स्वच्छ जल से धोना चाहिए। यदि कोई सुधार न हो तो डाक्टर के पास जाना चाहिए। हमें अपने नेत्रों को बारंबार स्वच्छ जल से धोना चाहिए। पठन सामग्री को सदैव दृष्टि की सामान्य दूरी पर रखकर पढ़ना चाहिए। हमें अपनी पुस्तक को नेत्रों से बहुत दूर ले जाकर नहीं पढ़ना चाहिए।