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Sugam history class 8 chapter 8 question answer:अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. सुधारकों ने किसको आधार बनाकर सुधार का समर्थन किया ?
उत्तरः-सुधारकों ने शास्त्रों को आधार बनाकर सुधार का समर्थन किया
2. उन संगठनों के नाम लिखें जिन्होंने विधवाविवाह का समर्थन किया।
उत्तरः-ब्रह्म समाज, प्रार्थना समाज, आर्य समाज
3. राजा राममोहन राय के प्रयासों से कौन-सी प्रथा का उन्मूलन हुआ ?
उत्तरः-सती प्रथा
4. ईश्वरचंद्र विद्यासागर को क्यों लगा कि विधवाविवाह सही है ?
उत्तर:-महिला अगर विधवा हो जाती थी तो उससे बहुत खराब व्यवहार किया जाता था. उसका जीवन खासा मुश्किल हो जाता था. इसलिए ईश्वरचंद्र विद्यासागर को लगा कि विधवाविवाह सही है
5. शारदा सदन (पुणे) को किसने स्थापित किया ?
उत्तरः-पंडिता रमाबाई
6. कांडुकुरी वीरेशलिंगम ने विधवाओं के लिए क्या किया ?
उत्तरः-कांडुकुरी वीरेशलिंगम ने विधवाविवाह के लिए एक संगठन बनाया
7. 1856 का विधवा पुनर्विवाह कानून क्यों सफल नहीं हुआ ?
उत्तर:-कट्टर हिंदुओं के विरोध और स्वयं विधवाओं द्वारा दुबारा विवाह न करने के कारण 1856 का विधवा पुनर्विवाह कानून सफल नहीं हुआ
8. बालविवाह को कब अवैध घोषित किया गया ?
उत्तर:-1872 के कानून द्वारा बालविवाह को अवैध घोषित किया।
9. गरीब बालिकाओं का विवाह जल्द क्यों कर दिया जाता था ?
उत्तर:-क्योंकि ये दहेज देने में असमर्थ होते थे। इसलिए गरीब बालिकाओं का विवाह कम उम्र में अधेड़ उम्र के पुरुषों के साथ कर दिया जाता था।
10. किस ऐक्ट से लड़कियों के विवाह की उम्र 10 से 12 वर्ष कर दी गई ?
उत्तर:-1891 के एज ऑफ कॅनसेंट ऐक्ट द्वारा लड़कियों के विवाह की उम्र 10 से बढ़ाकर 12 वर्ष कर दी गई।
11. शारदा ऐक्ट क्यों पारित किया गया ?
उत्तर:-बाल विवाह को रोकने के लिए 1928 में शारदा एक्ट बनाया गया था।
12. महिलाओं को शिक्षा न देने के क्या कारण थे?
उत्तरः-क्योंकि मान्यता थी कि शिक्षा के कारण वे घरेलू काम-काज करना बंद कर देंगी। बाहर जाने पर उनकी आदत बिगड़ जाएगी। देंगी।
13. ईश्वरचंद्र विद्यासागर लड़कियों के लिए कई विद्यालय खोलने में क्यों सफल हुए?
उत्तर:- विद्यासागर स्कूलों के इंस्पेक्टर थे। इसलिए लड़कियों के लिए कई विद्यालय खोलने में सफल हुए
14. सर सैयद अहमद खाँ किन प्रथाओं के विरोधी थे ?
उत्तरः-सर सैयद अहमद खाँ मुस्लिम समाज में प्रचलित पर्दाप्रथा, पुरुषों द्वारा अनेक विवाह और तलाक जैसे प्रथाओं के विरोधी थे
15. बेगम रुकैया सखावत हुसैन द्वारा खोले गए स्कूल का नाम क्या था ?
उत्तर:-मेमोरियल गर्ल्स हाई स्कूल
16. स्वामी विवेकानंद ने महिला उत्थान के लिए क्या किया था ?
उत्तरः-स्वामी विवेकानंद ने महिला उत्थान के लिए महिलाओं को शिक्षित करने के लिए प्रेरित किया।
17. प्रथम दो स्नातक महिलाओं के नाम लिखें।
उत्तरः-प्रथम दो स्नातक महिला कादंबिनी बसु (बाद में गांगुली) और चंद्रमुखी बसु थीं।
18. आमार जीबोन की लेखिका कौन थीं?
उत्तर:-रससुंदरी देवी
19. स्त्री पुरुष तुलना नामक पुस्तक का विषय क्या है ?
उत्तरः-उच्च जाति पितृसत्ता और लिंग और जाति व्यवस्था की आलोचना
20. एम० जी० रानाडे ने किसको और क्या पढ़ना-लिखना सिखाया था ?
उत्तर:-एम. जी. रानाडे ने अपनी पत्नी को मराठी और अँगरेजी पढ़ना-लिखना सिखाया था।
21. बेगम रुकैया सखावत हुसैन द्वारा लिखी पुस्तक का नाम लिखें।
उत्तरः-सुल्ताना का स्वप्न (Sultana’s Dream)
22. शिक्षित महिलाओं से प्रभावित नेताओं के नाम बताएँ ।
उत्तर:-शिक्षित महिलाओं ने जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस तथा अन्य नेताओं को प्रभावित किया था।
Sugam history class 8 chapter 8 question answer:लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. 19वीं सदी में भारतीय महिलाओं की स्थिति कैसी थी ?
उत्तर:-19वीं सदी तक भारतीय महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्हें राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक अधिकार प्राप्त नहीं थे। कम उम्र में ही इनका विवाह कर दिया जाता था। पति की मृत्यु होने पर उन्हें सती होना पड़ता था। हिंदू विधवाओं को दुबारा विवाह करने की अनुमति नहीं दी जाती थी। विधवाओं पर अनेक सामाजिक पाबंदियाँ होती थीं। धारणा थी कि शिक्षित महिलाएँ जल्दी विधवा हो जाती हैं। महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में हिस्सा नहीं दिया जाता था।
2. 19वीं सदी में किन कारणों से महिलाओं की स्थिति में सुधार करने की जागरूकता आई ?
उत्तर:-जब अंग्रेज़ भारत आए तो उन्होंने अंग्रेज़ी भाषा के साथ-साथ कुछ आधुनिक विचारों को भी पेश किया। ये विचार स्वतंत्रता, सामाजिक और आर्थिक समानता, बंधुत्व, लोकतंत्र व न्याय थे जिनका भारतीय समाज पर ज़बरदस्त प्रभाव पड़ा। इन्हीं कारणों से 19वीं सदी में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने की जागरूकता आई इनमें राजा राम मोहन राय, ईश्वर चंद विद्यासागर, दयानंद सरस्वती और कई अन्य समाज सुधारक थे
3 . सुधार के प्रति राजा राममोहन राय के क्या विचार थे?
उत्तर:-भारतीय सुधारकों में सर्वप्रथम राजा राममोहन राय का नाम आता है। उन्होनें सामाजिक-धार्मिक रीतियों का खंडन किया। उन्होंने कट्टर हिंदुओं के इस दावा का विरोध किया कि विधवाविवाह और विधवाओं द्वारा सांसारिक खुशियों को मनाना शास्त्रों के विरुद्ध है। राजा राम मोहन राय का मानना था कि जब तक महिलाओं को अशिक्षा, बाल विवाह, सती प्रथा जैसे अमानवीय रूपों से मुक्त नहीं किया जाता, तब तक हिंदू समाज प्रगति नहीं कर सकता।
4. महाराष्ट्र में महिला संबंधी क्या सुधार किए गए ?
उत्तर:-महाराष्ट्र में ज्योतिराव गोविंदराव फूले (ज्योतिबा) ने महिला शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया। उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई को पढ़ना सिखाया और निम्नवर्ग की लड़कियों के लिए विद्यालय स्थापित किया।
5. बालविवाह के विरुद्ध कब और कौन-कौन-से कानून पास किए गए थे?
उत्तर:-बालविवाह के विरुद्ध सरकार ने 1872 के कानून द्वारा बालविवाह को अवैध घोषित किया। 1891 के एज ऑफ कॅनसेंट ऐक्ट द्वारा लड़कियों के विवाह की उम्र 10 से बढ़ाकर 12 वर्ष कर दी गई। उसके बाद 1929 में ब्रिटिश सरकार ने शारदा ऐक्ट अथवा चाइल्ड मैरेज रेस्ट्रेंट ऐक्ट के तहत विवाह की उम्र लड़कियों के लिए 14 तथा लड़कों के लिए 18 वर्ष तय की।
6. मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार किसने और किस प्रकार किया ?
उत्तर:-मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार अनेक समाज सुधारकों ने किया सर सैयद अहमद खाँ मुस्लिम समाज में प्रचलित पर्दाप्रथा, पुरुषों द्वारा अनेक विवाह और तलाक के आसान तरीकों की आलोचना की। इनके साथ मुमताज अली और शेख अब्दुल्ला ने कुरान शरीफ की आयतों का उदाहरण देते हुए बताया कि स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए। बेगम सखावत मेमोरियल गर्ल्स हाई स्कूल भागलपुर में खोला था।
7. 19वीं सदी की लेखिकाओं ने लोगों का ध्यान किस ओर आकर्षित किया ?
उत्तर:-19वीं सदी की लेखिकाओं ने लोगों का ध्यान महिलाओं की समस्याओं की ओर आकर्षित किया। राशसुंदरी देवी ने गृहिणी होते हुए भी आमार जीबोन नामक आत्मकथा लिखी। एक अन्य गृहिणी पूना की ताराबाई शिंदे ने 1882 में प्रकाशित स्त्री पुरुष तुलना नामक पुस्तक लिखी। मुस्लिम महिला लेखिका रुकैया सखावत हुसैन ने मुस्लिम स्त्रियों की स्थिति की निंदा अपनी कहानी सुल्ताना का स्वप्न में की।
8. बिहार में कब और किनके द्वारा महिला सुधार कार्य किए गए ?
उत्तर:- बिहार में 19वीं सदी में राजा राममोहन राय, केशवचंद्र सेन, बिहार के निवारणचंद्र मुखर्जी, गुरु प्रसाद सेन, बिहारीलाल, बजरंगलाल आदि द्वारा महिला सुधार कार्य किए गए लेकिन बिहारी नारियों की स्थिति में विशेष बदलाव 20वीं सदी के राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान हुआ। इसमे गाँधीजी, रामनंदन मिश्र और उनकी पत्नी राजकिशोरी देवी तथा अन्य सामाजिक सुधारकों ने महिला सुधार कार्य कियें
Sugam history class 8 chapter 8 question answer:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. 19वीं सदी में हुए महिला सुधारों को संक्षेप में लिखें।
उत्तरः-19वीं सदी तक भारतीय महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं थी। उन पर कई सामाजिक बंधन थे इस में पर्दा प्रथा, बाल विवाह, शिक्षा का अभाव, संपत्ति के अधिकारों में असमानता, सती प्रथा, बहुपत्नी प्रथा, विधवा पुनर्विवाह पर प्रतिबंध आदि थे। महिला सुधारों में अनेक समाज सुधारकों जैसे- राजाराम मोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर बी.एम. मालाबारी आदि ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 द्वारा विधवा पुनर्विवाह को वैध घोषित किया गया। महिला शिक्षा की दिशा में वर्ष 1849 में बेथुन स्कूल की स्थापना की गई। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने इस दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास किये। वर्ष 1854 के चार्ल्स वुड डिस्पैच में भी स्त्री शिक्षा के प्रोत्साहन पर बल दिया गया।
2. विधवाविवाह संबंधी सुधारों का विवेचन करें ।
उत्तर:-विधवाओं की स्थिति सर्वाधिक दयनीय थी। बाल मुडवाना, सफेद कपड़े पहनना, रूखा-सूखा खाना जैसे प्रतिबंध उनपर थे। विधवाओं को अपने जीवन में जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. उन्होंने वास्तव में राजाराम मोहन राय को प्रभावित किया। उन्होंने सती प्रथा के विरुद्ध आक्रामक रुख अपनाया। 1829 में सती पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सबसे प्रसिद्ध सुधारकों में से एक. ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने सुझाव दिया कि प्राचीन साहित्य के आधार पर विधवा पुनर्विवाह कर सकती हैं। ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी सिफारिश का पालन किया और 1856 में विधवा पुनर्विवाह की अनुमति देने वाले कानून को मंजूरी दे दी गई। परंतु, इन प्रयासों के बावजूद कट्टर हिंदुओं के विरोध और स्वयं विधवाओं द्वारा दुबारा विवाह न करने के कारण उनकी स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया। वीरेसलिंगम पंतुलु ने मद्रास प्रेसीडेंसी के तेलुगु भाषी क्षेत्रों में विधवा पुनर्विवाह के लिए एक संगठन की स्थापना की। स्वामी दयानंद सरस्वती, जिन्होंने उत्तर में आर्य समाज के नाम से जाने जाने वाले सुधार समूह की स्थापना की
इन्होंने भी विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।
3. बालविवाह को किस प्रकार रोका गया ?
उतर:-भारतीय महिलाओं के जल्द विधवा होने का एक कारण यह था कि कम उम्र में उनका विवाह अधेड़ उम्र के पुरुषों के साथ कर दिया जाता था। बंगाल में ब्रह्मसमाज तथा महाराष्ट्र में रानाडे और स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा बालविवाह के विरोध के कारण सरकार ने 1872 के कानून द्वारा बालविवाह को अवैध घोषित किया। इस मुद्दे पर इंगलैंड में काफी चर्चा हुई थी। 1891 के एज ऑफ कॅनसेंट ऐक्ट द्वारा लड़कियों के विवाह की उम्र 10 से बढ़ाकर 12 वर्ष कर दी गई। अनेक रूढ़िवादी भारतीय राजनीतिक नेताओं ने इस कानून का कड़ा विरोध किया फिर भी, कई वर्षों बाद 1929 में ब्रिटिश सरकार ने शारदा ऐक्ट अथवा चाइल्ड मैरेज रेस्टेंट ऐक्ट के तहत विवाह की उम्र लड़कियों के लिए 14 तथा लड़कों के लिए 18 वर्ष तय की। कालांतर में यह ‘उम्र बढ़ाकर क्रमशः 18 एवं 21 वर्ष कर दी गई है। इस प्रकार बालविवाह को रोका गया।
4. सुधारकों ने स्त्री-शिक्षा को किस प्रकार प्रोत्साहित किया ?
उत्तर:-भारतीय महिलाओं को शिक्षा से भी वंचित रखा जाता था। अनेक हिंदू और मुस्लिम सुधारकों ने स्त्री-शिक्षा को भी प्रोत्साहन दिया था। राजा राममोहन राय ने उनको घर से बाहर निकलकर स्कूल जाने के लिए कहा था। ईसाई मिशनरियों ने 19वीं सदी में अनेक विद्यालय स्थापित कर लड़कियों को शिक्षित करने का प्रयास किया था। विद्यासागर ने भी लड़कियों के लिए अनेक विद्यालय स्थापित किया था। वेथून ने अपने नाम से लड़कियों के लिए एक बेथून स्कूल खोला। ज्योतिराव फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई को पढ़ना सिखाया और निम्नवर्ग की लड़कियों के लिए विद्यालय स्थापित किया। मुस्लिम स्त्रियों को शिक्षित करने का प्रयास सर सैयद अहमद खाँ ने किया। भोपाल की बेगमों ने लड़कियों के लिए अलीगढ़ में एक प्राथमिक स्कूल खोला। बेगम रुकैया सखावत हुसैन ने सखावत मेमोरियल गर्ल्स हाई स्कूल भागलपुर में खोला था।