दोस्तो इस पोस्ट में घर्षण sugam vigyan class 8 chapter 12 question answer पूरा देखने वाले है अगर इस पोस्ट में कोई प्रॉब्लम हो तो हमे comment करके जरूर बताएं हम अपडेट कर देंगे
sugam vigyan class 8 chapter 12:अति लघु उत्तरीय प्रश्न
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. घर्षण की परिभाषा दें।
उत्तर:-जब किसी पिंड को अन्य पिंड पर गतिमान किया जाता है या गतिमान करने का प्रयास किया जाता है तब उनके संपर्क तलो के मध्य उपस्थित वह बल जो उनकी एक दूसरे के सापेक्ष गति का विरोध करता है, घर्षण बल कहलाता है।
2. मान लीजिए आप अपने डेस्क को थोड़ा झुकाते है। उसपर रखी कोई पुस्तक नीचे की ओर सरकना आरंभ कर देती है। उसपर लगे घर्षण बल की दिशा क्या होगी?
उत्तर:- पुस्तक के नीचे की ओर सरकने की विपरीत दिशा।
3. घर्षण बल किन दो कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:-
i. पृष्ठों की प्रकृति पर तथा
ii. पृष्ठों के एक-दूसरे से जुड़े रहने की प्रबलता पर।
4. जब दो वस्तुएँ संपर्क में होती है, तो उनके बीच आपेक्षिक गति होने से पूर्व कार्य करनेवाले घर्षण बल को क्या कहते हैं?
उत्तर:- स्थैतिक घर्षण
5. समतल जमीन पर लुढ़कती गेंद क्यों रुक जाती है?
उत्तर:- घर्षण के कारण
6. जब दो वस्तुएँ संपर्क में होती हैं तथा उनके बीच आपेक्षिक गति होती है, तो पृष्ठों के भीच काम करनेवाले घर्षण बल को क्या कहते है?
उत्तर:- गतिक घर्षण
7. किसी वस्तु में गति आरंभ करने की अपेक्षा, पहले से ही गतिमान वस्तु की गति बनाए रखना सरल होता है। क्यो?
उत्तर:- क्योंकि, गतिक घर्षण का मान सीमांत घर्षण से सदैव कम होता है।
8. जब कोई गोलाकार या बेलनाकार वस्तु किसी पृष्ठ पर बिना फिसले लुढ़कती है, तो वस्तु पर कार्य करनेवाले घर्षण बल को क्या कहते हैं
उत्तर:- लोटनिक घर्षण
9.द्रव एवं गैस को जिस एक नाम से जाना जाता है वह नाम क्या है?
उत्तर:- तरल (fluid)]
10. तरल इनसे होकर गति करनेवाली वस्तुओं पर जो घर्षण बल लगाते हैं उस बल का नाम बताइए।
उत्तर:- तरल घर्षण (fluid friction)
sugam vigyan class 8 chapter 12:लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. घर्षण क्या है? यह कब और क्यों लगता है?
उत्तर:-दो सतहों के मध्य अपेक्षिक गति का विरोध करने वाला बल घर्षण कहलाता है। यह तब लगता है जब सतहों के मध्य अपेक्षित गति होगी | जब वस्तु में परस्पर संपर्क में आती है तो सतह का खुरदरापन दूसरी सतह के खुरदरापन में फंस जाता है इसे तौड़ने के लिए घर्षण बल लगता है।
2. पृष्ठीय अनियमितताओं (irregularities) से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः-सतहों पर माइक्रोस्कोप से देखने पर श्रृंग और गर्न दिखाई देते हैं यही सतह की अनियमितताएं कहलाती है।
3. घर्षण बल के लगने के क्या-क्या प्रभाव हो सकते हैं? व्याख्या कीजिए।
उत्तरः-घर्षण बल लगने के कई प्रभाव हो सकते हैं:-
(i) घर्षण गति का विरोध करता है।
(ii) घर्षण से वस्तुएं घिस जाती है।
(iii) घर्षण से उष्मा उत्पन्न होती है।
(iv) घर्षण से जमीन पर चलते हैं।
(v) घर्षण के कारण किसी वस्तु को पकड़ पाते हैं।
4. मान लीजिए कि दुर्घटनावश साबुन के पानी से भरी बाल्टी संगमरमर के किसी फर्श पर उलट जाए। इस गीले फर्श पर आपके लिए चलना आसान होगा या कठिन। अपने उत्तर का कारण बताइए।
उत्तरः- साबुन के पानी से गीले फर्श पर चलना कठिन होगा, क्योंकि साबुन का पानी स्नेहक का काम करता है। इससे हमारे जूते (या पैर) और फर्श के बीच का घर्षण का मान बहुत कम हो जाता है।
5. एक ही फर्श पर विहान एक भारी टीन का अलमारी धकेलती है और स्वाती एक हलका टीन का अलमारी धकेलती है। कौन अधिक घर्षण बल अनुभव करेगा, और क्यों?
उत्तरः- विहान अधिक घर्षण बल अनुभव करेगी, क्योंकि घर्षण बल इस बात पर निर्भर करता है कि पृष्ठ कितनी प्रबलता से एक-दूसरे के साथ संस्पर्श में है। यहाँ भारी अलमारी और फर्श एक-दूसरे के साथ अधिक प्रबलता से जुड़े होते हैं।
6. सीमांत घर्षण क्या है? समझाइए।
उत्तरः-स्थैतिक घर्षण बल के अधिकतम मान को सीमांत घर्षण कहते हैं। इसे fs से सूचित करते हैं
7.सर्पी घर्षण स्थैतिक (सीमांत) घर्षण से कम क्यों होता है? व्याख्या करें।
उत्तरः- सर्पी घर्षण सीमांत घर्षण से कम होता है, क्योंकि जब दो पृष्ठों के बीच आपेक्षिक गति होती है तो पृष्ठों की अनियमितताजी को एक-दूसरे में फँसने का पूरा समय नहीं मिल पाता है।
उत्तरः- चिकनी सतहों पर फिसलने से बचने के लिए खिलाड़ी कीलदार जूते पहनते हैं। इससे उनके जूते और जमीन के बीच का घर्षण बल अधिक हो जाता है।
9. लोटनिक घर्षण से आप क्या समझते है? यह स्थैतिक (सीमांत) घर्षण और सर्पी (या गतिक) घर्षण से बहुत कम क्यों होता है?
उत्तर:-जब कोई गोलाकार या बेलनाकार वस्तु किसी पृष्ठ पर बिना फीसले लुढ़कती है तो दो सतहों के बीच लगने वाला घर्षण बल लोटनिक घर्षण कहलाता है। यह स्थैतिक और सर्पी घर्षण से बहुत कम होता है क्योंकि लोटनिक घर्षण में संपर्क क्षेत्रफल अल्प होता है।
10. घर्षण बल के किन्हीं तीन मुख्य प्रभावों का उल्लेख करें।
उत्तर:-घर्षण बल के तीन मुख्य प्रभाव निम्न है- (i) घर्षण गति का विरोध करता है। (ii) घर्षण से वस्तुएं घिस जाती है। (iii) घर्षण से उष्मा उत्पन्न होती है।
11. दैनिक जीवन के ऐसे पाँच कार्य बताएँ जो हम घर्षण की अनुपस्थिीत में बिलकुल ही नहीं कर पाएँगे।
उत्तर:-दैनिक जीवन के ऐसे पांच कार्य निम्न नहै है जो घर्षण की अनुपस्थिति में बिल्कुल ही नहीं कर पाएंगे:-
(i) चलना ( (ii) किसी वस्तु को पकड़ना (iii) माचिस की तौली को जलाना (iv) चॉक से बोर्ड पर लिखना (v) पेंसिल से कागज पर लिखे गए शब्दों को मिटाना
12. घर्षण के कारण होनेवाली किन्हीं तीन हानियों का उल्लेख करें।
उत्तर:-घर्षण के कारण होने वाली तीन हानियां इस प्रकार है-
(i) चलते-चलते हमारे जूते चप्पल गाड़ियों के टायर तथा मशीनों के पार्ट पुर्जे घिस जाते हैं।
(ii) घर्षण के कारण मशीनों की बहुत शक्ति व्यर्थ हो जाती है।
(iii) पका हुआ भोजन बर्तनों से चिपक जाता है।
13. स्नेहक से आप क्या समझते हैं? व्याख्यां करें।
उत्तर:- घर्षण बल को कम करने के लिए उपयोग में लिए जाने वाले पदार्थ स्नेहक कहलाते हैं। स्नेहक पदार्थ तीनों अवस्था में मिलते हैं। ठोस, द्रव, गैस
14. बॉलवियरिंग के उपयोग के कोई तीन दें।
उत्तर:-बॉल बेयरिंग के उपयोग के 3 उदाहरण इस प्रकार है:-
(i) साइकिल एवं कार के पहियों में (ii) मोटरों एवं जनरेटरों रोटरों की शाफ्ट में (iii) हेलीकॉप्टर के रोटरों की शाफ्ट में
15. तरल घर्षण से आप क्या समझते हैं? व्याख्या करें।
उत्तर:-द्रव एवं गैस को तरल कहा जाता है इन से होकर गति करने वाली वस्तुओं पर प्रतिरोधी बल लगाते हैं जो तरल घर्षण कहा जाता है। और तरल परतो के रूप में गति करते हैं इन परतो के मध्य आपेक्षिक गति का विरोध करने वाले घर्षण बल को तरल घर्षण कहते हैं। इसे श्यान बल भी कहते हैं
sugam vigyan class 8 chapter 12:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. एक प्रयोग का वर्णन करें, जिससे यह सिद्ध हो कि किसी बस्तु में गति आरंभ करने की अपेक्षा, पहले से ही गतिमान वस्तु की गरि बनाए रखना सरल होता है।
उत्तर:-एक गुटके को किसी मेज पर रखकर उसे कमानीदार तुला से खींचते हैं। हम तुला पर बल को धीरे धीरे बढ़ाते हैं जब बाह्य बल का परिणाम 2N है तो घर्षण बल का परिणाम भी दो न्यूटन होता है (चित्र a)। जब बाह्य बल को बढ़ाकर 3 न्यूटन कर दिया जाता है तो घर्षण बल भी तीन न्यूटन हो जाता है (चित्र b) जब बाह्य बल को और बढ़ा कर 4 न्यूटन कर दिया जाता है तो घर्षण बल का परिमाण भी 4 न्यूटन हो जाता है (चित्र c) जब वस्तु पर बल लगातार बढ़ाया जाता है तो एक स्थिति ऐसी आती है जब पृष्ठों की अंतः बंधन को पार पा लिया जाता है। इस स्थिति में वस्तु मेज पर चलने ही वाली होती है जब वस्तु पर लगते बाह्य बल को थोड़ा भी बढ़ाया जाता है तो वस्तु चलने लगती है। चित्र d) यहां बाह्य बल का परिमाण जैसे ही सीमांत घर्षण 4 न्यूटन से अधिक (जैसे 4.1 न्यूटन) किया जाता है तो वस्तु मेज पर गतिशील हो जाती है। ऐसी स्थिति में गतिज घर्षण का मान 3 न्यूटन है जो सीमांत घर्षण के मान 4 न्यूटन से कम है अतः केवल 3 न्यूटन के बाह्य बल से ही वस्तु एक समान चाल से गतिशील रहती है इससे अस्पष्ट है कि किसी वस्तु में गति आरंभ करने की अपेक्षा पहले से ही गतिमान वस्तु की गति बनाए रखना सरल होता है।
2. प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि घर्षण बल वस्तु पर लगने वाले बाह्य बल के विपरीत दिशा में लगता है।
उत्तर:-मेज पर रखी एक पेंसिल सेल को दाई दिशा में धीरे से धकेलने पर वह दाई दिशा में गतिशील हो जाती है और कुछ दूरी चलकर रुक जाती है। अब सेल पर बाएं दिशा में बल लगाने पर वह बल की दिशा में अर्थात बाएं दिशा में गतिशील होती है और कुछ दूरी चलकर रुक जाती है इससे हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि घर्षण बल वस्तु पर लगने वाले बाह्य बल के विपरीत दिशा में लगते है
3. प्रयोग द्वारा सिद्ध करें कि घर्षण बल संस्पर्श के पृष्ठों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
उत्तर:-किस मेज पर कोई आनत समतल बनाया आनत समतल पर पेन से एक चिन्ह अंकित किया अब कोई बेलनाकार वस्तु इस बिंदु से नीचे लुढ़काते हैं। तथा तय की गई दूरी को नोट करते हैं। इस क्रिया को 5 बार दोहराते हैं अब मेज पर कोई कपड़ा बिछाते हैं जिसमें सिलबट ना हो उपर्युक्त प्रयोग को फिर दोहराते हैं मेज पर अब मखमल का एक टुकड़ा बिछाकर इस प्रयोग को दोहराते हैं हम पाते हैं कि विभिन्न प्रकार की सतहों पर बेलन द्वारा तय की गई दूरियां भिन्न-भिन्न होती है मेज की चिकनी सतह पर बेलन द्वारा तय की गई दूरी सबसे अधिक होती है और मखमल पर सबसे कम स्पष्ट है कि घर्षण बल संस्पर्श के पृष्ठों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
4. वर्णन कीजिए, घर्षण किस प्रकार शत्रु एवं मित्र दोनों है। अथवा, “घर्षण एक आवश्यक दोष है।” इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तर:-घर्षण एक अनिवार्य हानिकारक बल है क्योंकि यह शत्रु भी है और मित्र भी है यह एक मित्र है क्योंकि यह सहायता करता है (i) चलने में (ii) किसी वस्तु को पकड़ने में (iii) ब्रेक लगाने में यह एक शत्रु है क्योंकि (i) यह टूट-फूट का उत्तरदाई है (ii) उस्मा के रूप में ऊर्जा व्यय होती है (iii) मशीन की कार्य क्षमता कम करता है (iv) मशीनों के पुर्जों को स्नेहक लगाने से काफी मात्रा में धन व्यय होता है
5. तरल में गति करनेवाली वस्तुओं की आकृति विशेष प्रकार की क्यों बनाते हैं? व्याख्या करें।
उत्तर:-तरल में गति कर रही वस्तु को उस पर लगे घर्षण बल को पार करने में उर्जा की छाती होती है। इस ऊर्जा की क्षति को रोकने और सुगम गति के लिए मछली अथवा पक्षी जैसे विशेष आकृतियां वाली वस्तुएं बनाई जाती है।