दोस्तो इस पोस्ट में ध्वनि sugam vigyan class 8 chapter 13 question answer पूरा देखने वाले है अगर इस पोस्ट में कोई प्रॉब्लम हो तो हमे comment करके जरूर बताएं हम अपडेट कर देंगे
sugam vigyan class 8 chapter 12 question answer:अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. ध्वनि किसे कहते हैं?
उत्तरः-कान से हम जो कुछ सुनते हैं उसे ध्वनि कहते हैं
2. ध्वनि कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर:-जैब कोई वस्तु कंपित होती है तब इसके कंपन से ध्वनि उत्पन्न होती है
3. कंपित वस्तु से ध्वनि हमारे कानों तक कैसे पहुँचती है?
उत्तर:- माध्यम के कणों के कंपनों द्वारा
4. दोलन करती हुई वस्तु के आवर्तकाल और आवृत्ति में क्या संबंध है?
उत्तर:- आवृत्ति = 1/ आवर्तकाल
5. मनुष्यों के लिए श्रवण की आवृत्ति-सीमा कितनी होती है?
उत्तर:- 20 Hz से 20,000 Hz
6. चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री एक-दूसरे की आवाज क्यों नहीं सुन पाते हैं?
उत्तर:-चूँकि चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं है।
7. पराश्रव्य ध्वनि सुन सकनेवाले चार जंतुओं के नाम लिखें।
उत्तर:-चमगादड़, कुत्ते, बंदर एवं लोमड़ी।
8. चमगादड़ की चीख हमें क्यों नहीं सुनाई पड़ती है?
उत्तर:-चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करते हैं, इसलिए हमारे कानों को सुनाई नहीं पड़ती।
9. मेघगर्जन (कड़क) उसकी चमक के कुछ देर बाद क्यों सुनाई देती है?
उत्तर:- ध्वनि की चाल प्रकाश की चाल की अपेक्षा बहुत कम होती है।
EXTRA
आवृत्तिः- प्रति सेकंड में होने वाले कंपनों (दोलनों) की संख्या को आवृत्ति कहते हैं आवृत्ति को हर्टज में मापा जाता है इसका संकेत Hz है
आवृत्ति = कंपनों की कुल संख्या/कंपनों में लगा समय
आवर्तकालः-एक कंपन करने में लगा समय आवर्तकाल कहलाता है आवर्तकाल का मात्रक सेकंड होता है
आवर्तकाल=1/आवृत्ति
प्रबलता को डेसीबल (dB) मात्रक द्वारा व्यक्त करते हैं
श्रव्य ध्वनिः-
मानव का लगभग 20Hz से श्रव्य ध्वनि 20,000 Hz तक की आवर्ती वाली ध्वनि को सुन सकते हैं इसे श्रव्य ध्वनि कहते हैं अश्रव्य ध्वनि :-20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनियां मानव कर्ण द्वारा सुनाई नहीं दी जाती है इसे अश्रव्य ध्वनि कहते हैं पराश्रव्य ध्वनि :-20000 Hz से अधिक आवर्ती की ध्वनि को पराश्रव्य (अल्ट्रासोनिक) ध्वनि कहते हैं। कुत्ते, चमगादड़, व्हेल पराश्रव्य ध्वनि सुन सकते हैं ● चिकित्सा उपकरण जैसे सोनोग्राफी मशीन में भी पराश्रव्य ध्वनि का प्रयोग किया जाता है
sugam vigyan class 8 chapter 13 question answer:लघु उत्तरीय प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. यह कैसे सिद्ध करेंगे कि केवल कंपित वस्तुएँ ही ध्वनि उत्पन्न करती हैं?
उत्तर:-इसे सिद्ध करने के लिए एक सरल प्रयोग करते हैं एक धातु का गिलास और पेंसिल लेते हैं गिलास को टेबल पर रखकर पेंसिल को धीमे से गिलास के किनारे से टकराते हैं तो गिलास से ध्वनि निकलती है अब यदि गिलास के किनारे को उंगली से छुआ तो गिलास की दीवार का कंपन अनुभव होता है परंतु छूने से ध्वनि का निकलना बंद हो जाता है क्योंकि छूने से कंपन खत्म हो जाता है। इससे स्पष्ट है कि कंपन वस्तु ही ध्वनि उत्पन्न करती है
2. दोलन करती हुई वस्तु के आवर्तकाल और आवृत्ति की परिभाषा लिखें।
उत्तर:-
आवर्तकाल:-एक कंपन करने में लगा समय आवर्तकाल कहलाता है आवर्तकाल का मात्रक सेकंड होता है
आवृत्तिः- प्रति सेकंड में होने वाले कंपनों (दोलनों) की संख्या को आवृत्ति कहते हैं आवृत्ति को हर्टज में मापा जाता इसका संकेत Hz है
3. निम्नांकित वाद्य यंत्रों में उस भाग का नाम बताएँ जो ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपित होता है।
(क) ढोलक, (ख) सितार, (ग) बाँसुरी
उत्तर:-
(क) चमड़ा या खाल, (ख) तार या तंतु, (ग) वायु
4. प्रबल और क्षीण ध्वनियों क्या होती है?
उत्तरः-
प्रबल ध्वनिः- वह शक्तिशाली ध्वनि जिसे सुनने से हमारे अंगों पर मजबूत प्रभाव पड़ता है eg:- ढोल, शेर की दहाड़
क्षीण ध्वनिः- एक ऐसी ध्वनि जिसे सुनने से सुकून या शांति मिलती है eg:-बांसुरी, घुंघरू
5. एक छोटा बच्चा और भैंस दो प्रकार की ध्वनियाँ उत्पन्न कर रहे हैं। उन ध्वनियों की प्रबलता एवं तारत्व पर अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तरः- भैस के द्वारा उत्पन्न ध्वनि की तुलना में बच्चे द्वारा उत्पन्न ध्वनि की प्रबलता कम होगी, परंतु उसका तारत्व बहुत अधिक होगा।
6. मीलों दूर से आती हुई रेलगाड़ी की ध्वनि को रेल की पटरी से कान लगाकर सुना जा सकता है, क्यों?
उत्तर :- ध्वनि हमारे कानों तक किसी माध्यम के द्वारा पहुंचता है। और गैसों की तुलना में ठोस अच्छा माध्यम है यहीं कारण है कि मिलो दूर से आती हुई रेलगाड़ी की ध्वनि को रेल की पटरी से कान लगाकर सुना जा सकता है
7. आकाश में तड़ित तथा मेघगर्जन को घटना एक समय पर तथा हमसे समान दूरी पर घटित होती है। हमें तोड़त पहले दिखाई देती है तथा मेघगर्जन बाद में सुनाई देता है, क्यों?
उत्तरः- आकाश में जय बिजली चमकती है तो बिजली की चमक (प्रकाश) और मेघगर्जन (ध्यान) दोनों एक ही साथ उत्पन्न होते हैं। किंतु, बिजली की चमक [जिसे तड़ित (lightning) कहते है, मेघगर्जन या कड़क (thunder) के पहले दिखाई पड़ती है। इसका कारण यह है कि बिजली की चमक प्रकाश की चाल (3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड) से चलकर प्रेक्षक की आँखों तक पहुंचती है, जबकि मेघगर्जन ध्वनि की चाल (330 मीटर/सेकंड) से चलकर प्रेक्षक के कानों में पहुँचती है। चूंकि प्रकाश की चाल ध्वनि को चाल से बहुत अधिक (लगभग 9 लाख गुना) है, इसलिए तड़ित से प्रेक्षक तक की दूरी तय करने में प्रकाश को ध्वनि को तुलना में अत्यंत कम समय लगता है। फलस्वरूप, चमक पहले दिखाई पड़ जाती है और मेघगर्जन बाद में सुनाई पड़ता है।
8. शोर तथा संगीत में क्या अंतर है? क्या कभी संगीत शोर बन सकता है? [संकेत: अत्यधिक प्रचलता से संगीत शोर बन सकता है।]
उत्तर :-वह अवांछित ध्वनि जिसे हम सुन्ना नहीं चाहते शोर होता है। जबकि जो ध्वनि सुनने नने से से हमे आनंद की प्राप्ति होती है को संगीत कहते हैं। हां यदि संगीत को आवश्यकता से अधिक आवाज में सुना जाए तो वह शोर बन सकता है।
9. ध्वनि प्रदूषण क्या है? इसके क्या कुप्रभाव हो सकते हैं?
उत्तर:-शोर से उत्पन्न प्रदूषण को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं इसके कई कुप्रभाव हो सकते हैं। जैसे ध्वनि प्रदूषण चिड़चिड़ापन एवं तनाव, श्रवण शक्ति का हास, नींद में गड़बड़ी और अन्य हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है।
10. अपने बातावरण में शोर प्रदूषण के किन्हीं पाँच स्रोतों के नाम बताइए।
उत्तर :- वातावरण में शोर प्रदूषण के पांच स्रोत नाम इस प्रकार है
1. नए नए कारखानों के इलने से मशीनों की बढ़ती जनसंख्या
2. वाहनों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि
3. तेजी से बढ़ती जनसंख्या
4. लाउडस्पीकरों का अत्यधिक उपयोग
5. ऊंची आवाज में चलाए गए टेलीविजन
11. आपके माता-पिता एक मकान खरीदना चाहते हैं। उन्हें एक मकान सड़क के किनारे पर तथा दूसरा सड़क से तीन गली छोड़कर पसंद आता है। आप अपने माता-पिता को कौन-सा मकान खरीदने का सुझाव देंगे? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तरः-सड़क से तीन गली छोड़कर बने मकान को खरीदने का सुझाव देंगे। सड़क के किनारे पर के मकान में वाहनों के कारण शोर प्रदूषण अत्यधिक होगा।
sugam vigyan class 8 chapter 13 question answer:दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. “ध्वनि को सुनने के लिए माध्यम आवश्यक है।” एक प्रयोग का वर्णन कर इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर:-प्लास्टिक का एक सुखा बोतल लीया बोतल के निचले आधे हिस्से को काटकर हटा दिया | बोतल में एक सेल फोन रखते हुए उसे एक चकती पर रखा | बोतल वायुरूध हो इसके लिए चकती और बोतल के कोर के बिच मोम लगाया। किसी मित्र से इस सेल फोन पर टेलीफोन करने पर | घंटी की स्पस्ट ध्वनि सुनाई पडती है। अब अपने मुंह को बोतल के मुंह से लगाकर बोतल के भितर की हवा को धीरे धीरे निकाला ऐसा करने पर घंटी की ध्वनि धीरे-धीरे धीमी हो जाती है | जब बोतल की हवा लगभाग निकल जाती है घंटी की ध्वनि लगभाग सुनाई नहीं पडती है | अब अपने मुंह को बोतल के मुंह से हटा देने पर बोतल में हवा भर जाती है और ध्वनि सुनाई पडती है। इससे यह सिद्ध होता है की ध्वनि के संचार के लिए मध्यम का होना आवश्यक है ।
2. वर्णन कीजिए कि शोर प्रदूषण मानव के लिए किस प्रकार से हानिकारक है?
उत्तर:-हमारे आसपास बहुत ज्यादा शोर ध्वनि प्रदुषण के रूप में जाना जाता है | यह मानव के लिए चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कामी, उच्च रक्तचप, सिरदर्द, तनाव, नींद की गडबडी का कारण बन सकता है | यह हमारी सुनने की शक्ति को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इस प्रकार शोर प्रदुषण मानव के लिए हानिकारक है ।
3. मानव वाक्यंत्र का चित्र बनाइए तथा इसके कार्य की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- जब सांस ली हुई हवा वाक तंतुओं से गुजरती है, तो वे ध्वनि उत्पन्न करने के लिए कंपन करतें हैं। वाक तंतु कंपन पर ढीले / मोटे या तंग / पतले हो सकते हैं, इस प्रकार विभिन्न प्रकार की आवाजें पैदा करते हैं।